Sunday, March 14, 2010

लगभग पचास प्रतिशत आबादी के लिए तैंतीस प्रतिशत आरक्षण पर इतना बवाल ,वह भी जाति के नाम पर।
महिलाएं समान रूप से पीड़ित हैं ,जिन ग़रीब पिछड़ी जाति की महिलायों की बात यादवों की त्रयी कर रही है ,देश जानना चाहता है की क्या डिम्पल और राबड़ी ही हैं जो पिछड़ी हैं ?कितनी ग़रीब महिलायों को यादव त्रयी ने टिकेट दिया है ?
मुलायम ,उनके बेटे अखिलेश ,भतीजा धर्मेन्द्र और भाई शिवपाल सब विधायिका में हैं .अब अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण के जरिये अपनी पत्नियों को भी विधायिका में भेजने का जुगाड़ लगा रहे हैं ये लोग ।
जातियों के नाम पर महिलाओं के लिए आरक्षण का विरोध बेतुका है।