Monday, February 6, 2017

भारत का संविधान निर्माण : प्रक्रिया


                  "कांग्रेस स्वतंत्र और लोकतान्त्रिक राज्य का समर्थन करती है। उसने यह प्रस्ताव किया है कि स्वतंत्र भारत का संविधान बगैर बाहरी हस्तक्षेप के ऐसी संविधान सभा द्वारा बनाया जाना चाहिए जो वयस्क मतदान के आधार पर निर्वाचित हो। "      -पंडित जवाहर लाल नेहरू ( 1938 )
                   न केवल नेहरू जी बल्कि गाँधी जी ने  भी 1922 में और कांग्रेस की कार्यकारी समिति ने 1939  में ऐसी ही मांग की थी।
                 1940 में ब्रिटेन में बनी  बहुदलीय सरकार ने स्वीकार कर लिया कि भारत का संविधान,भारत के लोग ही बनाएंगे। ब्रिटिश सरकार ने ब्रिटिश मंत्रिमंडल के सदस्य सर स्टेफर्ड क्रिप्स की अध्यक्षता में क्रिप्स मिशन को भारत भेजा।

                                  क्रिप्स मिशन

सदस्य -
1-सर स्टेफर्ड क्रिप्स
2 -लॉर्ड पैथिक लारेंस
3-ए.वी.अलेक्जेण्डर
क्रिप्स मिशन : मुख्य प्रस्ताव
1-भारतीय संविधान की रचना भारत के लोगों द्वारा चुनी गयी संविधान सभा करेगी।
2-संविधान, भारत को डोमिनियन का दर्ज़ा तथा ब्रिटिश राष्ट्रकुल में बराबर की भागीदारी देगा।
3-सभी प्रान्तों और देशी रियासतों से मिलकर एक संघ बनेगा।
4-कोई प्रान्त या देशी रियासत जो इस संविधान को स्वीकार करने को तैयार नहीं हो तो उसे ऐसा करने की आज़ादी होगी और ब्रिटिश सरकार उससे अलग से सांविधानिक व्यवस्था कर सकेगी।
        मुस्लिम लीग और कांग्रेस ,दोनों ने इन प्रस्तावों को स्वीकार नहीं किया। लीग सांप्रदायिक आधार पर दो राष्ट्र व दो संविधान सभा की मांग पर अड़ी रही  तथा कांग्रेस को भी ये मांग स्वीकार न थी।
क्रिप्स मिशन की असफलता के बाद कैबिनेट मिशन भेजा गया।
                             
                           कैबिनेट मिशन

        इस मिशन ने अलग संविधान और अलग राज्य के लीग के दावे को तो अस्वीकार कर  दिया किन्तु मिशन की सिफारिशों में लीग के दावे के पीछे के सिद्धांत को  स्वीकार कर लिया।
मुख्य लक्ष्य -
1-एक , भारत संघ होगा ,जो ब्रिटिश भारत व देशी रियासतों से मिलकर बनेगा।
2-संघ की एक कार्यपालिका और एक विधानमंडल होगा। जब विधानमंडल में कोई प्रमुख सांप्रदायिक प्रश्न उठेगा तो उसका विनिश्चय दोनों प्रमुख समुदायों के उपस्थित व मतदान करने वाले  तथा सभी उपस्थित व मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत से किया जायेगा।
       प्रान्त इस बात के लिए आज़ाद होंगे कि वे कार्यपालिका और विधानमंडलों के गुट बना लें और प्रत्येक गुट उन प्रांतीय विषयों को अवधारित करने में सक्षम होगा ,जिन पर गुट संगठन की अधिकारिता होगी।
   संविधान सभा के निर्वाचन के बाद मिशन के गुट संबंधी खण्डों की व्याख्या में लीग और कांग्रेस में मतभेद हो गया। ब्रिटिश सरकार ने लीग के पक्ष को सही ठहराया। ब्रिटिश सरकार ने कहा -

"अगर ऐसी संविधान सभा द्वारा संविधान बनाया जाता है जिसमे भारत की जनसँख्या के बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व नहीं है तो हिज मैजेस्टी की सरकार ऐसे संविधान को देश के उस न मानने वाले भाग पर बलपूर्वक लागू नहीं करेगी। "

इस तरह पहली बार ब्रिटिश सरकार ने पहली बार माना कि दो राज्य और दो संविधान सभाएं बन सकती हैं।
 संविधान सभा की पहली बैठक - - 9 दिसम्बर 1946
-मुस्लिम लीग ने भाग नहीं लिया।
20 फरवरी 1947 - ब्रिटिश सरकार का कथन
-- जून 1948 की समाप्ति पर भारत पर ब्रिटिश शासन ख़त्म हो जायेगा।
-- लीग अलग देश की मांग करता रहा और संविधान सभा में शामिल नहीं हुआ।
--ब्रिटिश सरकार ने लार्ड बेवेल की जगह पर लार्ड माउंबेटेन को गवर्नर जनरल बनाकर भेजा।
--26 जुलाई 1947 को गवर्नर जनरल ने पाकिस्तान के लिए अलग संविधान सभा के स्थापना की घोषणा की।

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947
(अ ) 4 जुलाई 1947 को ब्रिटिश संसद में पेश हुआ।
(ब ) 18 जुलाई 1947 को सम्राट ने अनुमति दी।
            अधिनियम में यह प्रावधान था कि 15 अगस्त 1947 (इसे नियत दिन कहा गया ) भारत शासन अधिनियम में 1935 परिभाषित 'भारत ' के स्थान पर भारत व पाकिस्तान नाम के दो स्वतंत्र डोमिनियन स्थापित किये जायेंगे।

      भारत की संविधान सभा
 प्रथम बैठक -9 दिसम्बर 1946
विभाजित संविधान सभा में से भारत का संविधान बनाने वाली सभा की पुनः बैठक हुयी -14 अगस्त 1947
31 अक्टूबर 1947 को संविधान सभ की सदस्य संख्या 299 थी (विभाजन के कारण)।इनमें भी 284 सदस्य ही 26 नवम्बर 1949 को वास्तव में उपस्थित थे और उन्होंने अंतिम रूप से संविधान पर हस्ताक्षर किये।
संविधान के निर्माण में संविधान सभा की विभिन्न समितियों ने प्रमुख सिद्धांतों की रूप रेखा तैयार की।

 संविधान सभा की महत्वपूर्ण समितियां

क्र.सं.     समिति (सदस्य संख्या)- अध्यक्ष                                                                      
1 -    संघ शक्ति समिति (09)   -- पंडित जवाहर लाल नेहरू                                  
२ -    मूल अधिकार व अल्पसंख्यक समिति (54) -- सरदार वल्लभ भाई पटेल                              
3 -  कार्य संचालन समिति (03) -- डॉ.के. एम.मुंशी                                        
4 -  प्रांतीय संविधान समिति (25) -- सरदार वल्लभ भाई पटेल                              
5 -  संघ संविधान समिति (15) -- पंडित जवाहर लाल नेहरू                            
6 -  प्रारूप समिति (07)  -- डॉ.बी.आर. अम्बेडकर                                


(अ ) समितियों के प्रतिवेदनों पर विचार विमर्श करते हुए सभा ने 29 अगस्त 1947 को एक प्रारूप समिति की स्थापना की,जिसके अध्यक्ष थे -डॉ.भीमराव अम्बेडकर।
(ब)संविधान का प्रारूप सर बी. एन.राव ने तैयार किया। ये संविधान सभा के सलाहकार थे।
(स)प्रारूप की समीक्षा के लिए भी एक समिति बनायीं गयी थी ,जिसके अध्यक्ष अल्लादि कृष्णस्वामी अय्यर थे।
                   संविधान की बैठक तृतीय वाचन के लिए 14 नवम्बर 1949 को हुयी और 26 नवम्बर1949  को वाचन समाप्त हुआ। इसी तारीख को संविधान पर सभा के सभापति के हस्ताक्षर हुए और उसे पारित घोषित कर दिया गया।
                  नागरिकता,निर्वाचन और अंतरिम संसद से जुड़े उपबंधों को तथा अस्थायी और संक्रमणकारी उपबंधों को तुरंत प्रभावी किया गया। शेष (सम्पूर्ण )संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।

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